Bathinda road accident: फॉर्च्यूनर कार की टक्कर से पलटा स्कूली बच्चों से भरा ऑटो, 12 बच्चे घायल
Bathinda road accident: बठिंडा में गुरुवार की दोपहर को एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना हुई। 100 फीट रोड पर तेज गति से आ रही एक फॉर्च्यूनर कार ने स्कूली बच्चों से भरे एक ऑटो को टक्कर मार दी, जिससे ऑटो बीच सड़क पर पलट गया। इस दुर्घटना में ऑटो में सवार 12 बच्चे घायल हो गए। घटना के बाद सहारा जन सेवा और नौजवान वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकर्ताओं ने घायलों को सिविल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया।
दुर्घटना का विवरण
दुर्घटना बठिंडा के 100 फीट रोड पर हुई, जब एक निजी स्कूल के बच्चे स्कूल के बाद अपने घर लौट रहे थे। बच्चों से भरा ऑटो सड़क पर धीरे-धीरे चल रहा था, जब एक तेज़ रफ्तार से आ रही फॉर्च्यूनर कार ने अचानक ऑटो को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ऑटो पलट गया और उसमें सवार बच्चे सड़क पर गिर गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस को दी और घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
पुलिस की कार्रवाई और ड्राइवर की फरारी
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया, लेकिन पुलिस मौके पर आधे घंटे बाद पहुंची। इस बीच, फॉर्च्यूनर कार का ड्राइवर दुर्घटना स्थल से फरार हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की रफ्तार काफी तेज थी, जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फरार ड्राइवर की तलाश की जा रही है।
घायल बच्चों की स्थिति
सभी घायल बच्चों को तुरंत एम्बुलेंस के माध्यम से सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया। सिविल अस्पताल के डॉक्टर अर्शिशत गोयल के अनुसार, लगभग दर्जन भर बच्चों को आपातकालीन वार्ड में इलाज के लिए लाया गया था। इनमें से अधिकांश बच्चों को मामूली चोटें आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, दो बच्चों को गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन उन्हें कुछ समय के लिए अस्पताल में निगरानी में रखा जाएगा।
स्थानीय संगठनों की सहायता
घटना के तुरंत बाद सहारा जन सेवा और नौजवान वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इन संगठनों के सदस्यों ने बच्चों के परिवारों को सूचित किया और उनका मनोबल बढ़ाने का काम किया। समाजसेवी संगठनों ने दुर्घटना के तुरंत बाद त्वरित कार्रवाई की, जिसके चलते बच्चों को समय पर इलाज मिल सका।
दुर्घटनाएं और बढ़ती रफ्तार की समस्या
बठिंडा जैसी जगहों पर सड़क हादसे आम हो चुके हैं, खासकर तेज रफ्तार वाहनों के कारण। इस दुर्घटना ने एक बार फिर शहर में वाहनों की तेज रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी की गंभीरता को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 100 फीट रोड पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन चलते हैं, जिसके कारण यहां सड़क हादसे होते रहते हैं।
अक्सर देखा गया है कि शहरों में यातायात नियमों का पालन न करने के कारण ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं। तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से मासूम स्कूली बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं और यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
बच्चों के परिवारों का दर्द
इस दुर्घटना से बच्चों के परिवारों में चिंता का माहौल पैदा हो गया है। जो बच्चे स्कूल से घर लौट रहे थे, उनके माता-पिता ने सोचा भी नहीं था कि उन्हें इस तरह की खबर सुनने को मिलेगी। घायल बच्चों के माता-पिता ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि क्या स्कूल वाहन सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
एक घायल बच्चे के पिता ने कहा, “हमने अपने बच्चों को सुरक्षित स्कूल भेजा था, लेकिन अब हम उनके जीवन को लेकर चिंतित हैं। इस घटना ने हमें अंदर से हिला दिया है। हम चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और दोषियों को सजा दिलाए।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय पुलिस ने घटना के बाद मामला दर्ज कर लिया है और फरार फॉर्च्यूनर कार के ड्राइवर की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसके अलावा, प्रशासन ने स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में यातायात नियमों को और कड़ा करने का आश्वासन दिया है।
यातायात सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूकता की जरूरत को रेखांकित किया है। बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने वाले वाहनों को विशेष रूप से सुरक्षित बनाना चाहिए। इसके अलावा, ड्राइवरों को यह समझने की आवश्यकता है कि तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना न केवल उनके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रशासन और समाज को मिलकर यातायात सुरक्षा पर काम करने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही स्कूल वाहनों की सुरक्षा मानकों का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
बठिंडा की इस सड़क दुर्घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। स्कूली बच्चों से भरे ऑटो के पलटने की यह घटना यातायात नियमों की अनदेखी और तेज रफ्तार वाहनों के खतरों की एक और मिसाल है। प्रशासन और पुलिस को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही, समाज को भी यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूक होना होगा ताकि भविष्य में हमारे मासूम बच्चे ऐसे हादसों का शिकार न बनें।